बहुत सुन्दर और सशक्त प्रस्तुति! महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ! -- केशर-क्यारी को सदा, स्नेह सुधा से सींच। पुरुष न होता उच्च है, नारि न होती नीच।। नारि न होती नीच, पुरुष की खान यही है। है विडम्बना फिर भी इसका मान नहीं है।। कह ‘मयंक’ असहाय, नारि अबला-दुखियारी। बिना स्नेह के सूख रही यह केशर-क्यारी।।
बड़ी मधुर आवाज है आपकी.... बिना पृष्ठ संगीत के गाना बड़ा मुश्किल होता है फिर भी आपने खूबसूरती से गाया है.. "दिल का दीया.." गाना बहुत सुन्दर बन पड़ा है..
12 comments:
shubhprat:
बहुत सुन्दर और सशक्त प्रस्तुति!
महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
--
केशर-क्यारी को सदा, स्नेह सुधा से सींच।
पुरुष न होता उच्च है, नारि न होती नीच।।
नारि न होती नीच, पुरुष की खान यही है।
है विडम्बना फिर भी इसका मान नहीं है।।
कह ‘मयंक’ असहाय, नारि अबला-दुखियारी।
बिना स्नेह के सूख रही यह केशर-क्यारी।।
दिल का दिया ....
मन पसंद गीत सुनवाने के लिए आभार आपका ! बहुत प्यारी आवाज ...
शुभकामनायें !
सर्वप्रथम महिला - दिवस पर आपको शत - शत नमन
Badiya..
गजब
तीनों पसन्द के गीत आपकी आवाज में और अच्छे लग रहे हैं।
बहुत ही सुंदर ओर मधुर
सुन्दर /सार्थक प्रस्तुति /बधाई और शुभकामनाएं
बड़ी मधुर आवाज है आपकी....
बिना पृष्ठ संगीत के गाना बड़ा मुश्किल होता है फिर भी आपने खूबसूरती से गाया है..
"दिल का दीया.." गाना बहुत सुन्दर बन पड़ा है..
तीनो गीत शानदार मनभावन्।
मन पसंद गीत सुनवाने के लिए आभार ...
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