जब देखो तब मास्टरनी..मास्टरनी.....ऐसा मैनें क्या सीखा दिया? ..जरा बताना तो.!!...मैनें उसे डाँटते हुए कहा।
सॉरी ..मास्टरनी......फ़िर एक बार कह दिया उसने ....
सुनते ही अपने चेहरे की मुस्कुराहट को नहीं रोक पाई थी मैं...और वो नहीं देख पाया था ----मेरी आँखों को मुस्कुराते हुए---- जिसे मैं दिखाना चाहती थी.... मेरा (एक्स) बेस्ट फ़्रेंड...
जब देखो तब मास्टरनी..मास्टरनी.....ऐसा मैनें क्या सीखा दिया? ..जरा बताना तो.!!...मैनें उसे डाँटते हुए कहा।
सॉरी ..मास्टरनी......फ़िर एक बार कह दिया उसने ....
सुनते ही अपने चेहरे की मुस्कुराहट को नहीं रोक पाई थी मैं....और उसने देख लिया था मेरी आँखों की मुस्कुराहट के पीछे छुपे दर्द को---- जिसे मैं छुपाना चाहती थी.... मेरा बेस्ट फ़्रेंड....
लम्हे गुजरे....वक्त बीता.....आज हर कोई पुकारता है --मास्टरनी... मास्टरनी....हालांकि चेहेरे पर मुस्कुराहट तो आज भी आ जाती है पर पत्थर हो चुकी आँखों के पीछे छुपा दर्द कोई देख नहीं पाता...पानी बन बह जाता है
.....याद आता है बहुत .....मेरा बेस्ट फ़्रेंड .....
16 comments:
कण कण व्यापी चंद्र-रश्मियां हमने भी कुछ याद किया
एक बार फ़िर प्रियतम का नज़दीकी एहसास हुआ..!!
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्दों के बीच यादें ...।
ओह …………कुछ यादे कभी नही भुलाई जा सकतीं।
बढ़िया अभिव्यक्ति .....
एक अलग ही भाव है यह।
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...
यादों को संभाल कर रखे बहुत काम आती है तन्हाई में , सुंदर अभिव्यक्ति ,बधाई
बहुत ही उत्तम भावों की प्रस्तुति।
कुछ लोग ज़िन्दगी पर एक स्थाई छाप छोड़ जाते हैं किसी तरह से..
जैसे आपके दोस्त ने आपको निक नेम दे कर किया..
बस यादें ही हैं जो रह जाती हैं..
लोग बस आगे बढ़ जाते हैं..
सुंदर अभिव्यक्ति.....बधाई
कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
काव्यमय और भावयुक्त
नो कमेंट....
यादों की छोटी सी पोटली... सुन्दर आख्यान.
भावुक करती प्रस्तुति!
yade aati hai..
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