Tuesday, December 13, 2011

तू कितनी अच्छी है ...

माँ की सीख ---



आज कल माँ का साथ नसीब हो रहा है, अपने अनुभव से कुछ बाते बताती हैं वे --


---खुद कभी ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का भी दिल आहत हो ,या उसे अपनी बात बुरी लगे।


बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय .....

--- इसलिये कभी भी किसी की बुराई मत करो या किसी की बुरी बातों का जिक्र मत करो।


साँई इतना दिजीए ,जामें कुटंब समाय ,
मैं भी भूखा ना रहूँ, पंथी न भूखा जाय ॥

--- इसलिये बहुत ज्यादा की चाह नहीं होनी चाहिये और हमेशा अपनी चादर के अन्दर ही अपने पैर रखना चाहिये ।

और भी बहुत ....


18 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बुजुर्गों द्वारा कही हुई बातें अनुभूत होती हैं।

Rahul Singh said...

नेक अनुकरणीय सीख.

प्रवीण पाण्डेय said...

इस आनन्द का एक पल भी न गँवाइये।

सदा said...

बिल्‍कुल सही कहा है ।

संजय भास्‍कर said...

मिश्रित सा भाव उठा दिया आपने..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

माँ के श्री चरणों में प्रणाम!! हमारा तो सारा जीवन माता की सीख पर ही चलता है!! बहुत ही अच्छी सीख!!
और हाँ! बहुत सुन्दर तस्वीर...!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

माँ हमेशा ही नेक सलाह देती हैं ...

Nidhi said...

जब आये संतोष धन सब धन धुरि समान

संजय कुमार चौरसिया said...

नेक सीख, बिल्‍कुल सही कहा है

Girish Kumar Billore said...

सच मां की यादों को मेरे सिरहाने लादिया आपने

परमजीत सिहँ बाली said...

अनुकरणीय सीख|

abhi said...

:) :)
बहुत अच्छी अच्छी बातें!!

दिगम्बर नासवा said...

KISMAT WAALI HAIN AAP ... MAA KA KHYAAL RAKHEN ...

Patali-The-Village said...

बिल्‍कुल सही कहा है|अनुकरणीय सीख|

डॉ. मोनिका शर्मा said...

नुकरणीय बातें ..... माँ के साथ से बढ़कर कुछ नहीं

डॉ. मोनिका शर्मा said...

*अनुकरणीय

Rakesh Kumar said...

माँ की सीख अनमोल होती है.
माता जी को सादर नमन.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

आप भाग्यशाली हैं जो माँ का साथ मिल रहा है।
..शुभकामनाएं।