Tuesday, February 21, 2012

खैर! मैं तो ये बताने आया था कि --एक .......लगा दिया मैने...


दिल से जो निकला वही कहा इसने ..--
1-सुनने लायक तो नहीं है लेकिन डांट न पड़े इसलिए बताया ..
2-वो तो ऐसे ही कई दिन से आपकी आज्ञा पेंडिंग थी तो...
3-और उपर से अभिषेक (ओझा) जी ने बार-बार अल्टीमेटम दे दिया तो ...
4-और पुराना हेडफोन टूट गया तो नया हेडफोन लिया जिसमे माईक था तो...
5- खैर!! मैं  तो ये बताने आया था कि बच्चे पर से कोप हटा लिजिए .....

विश्वास ही नहीं हो रहा ...............हा हा हा ............लेकिन मुझे विश्वास था कि- ये जरूर कर सकता है ,
और इसने कर दिखाया ....

भला कौन हो सकता है ?

देख आएं और सुन आएं तो बताना ...... कैसा किया ?.....

6 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत अच्छा लगा ...

प्रवीण पाण्डेय said...

सुनते हैं जा के..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

?????????????????????

संजय @ मो सम कौन... said...

"तुम्हारा नाम क्या है, बसंती?" ये गंभीर प्रश्न जय ने बसंती से पूछा।
बसंती ने कहा, "बसंती।"


’इसने’ वाला लिंक देकर अर्चना चावजी ने पूछा, "भला कौन हो सकता है?"
हमने कहा, "आप ही बता दीजिये।"

:)

सदा said...

वाह ...बहुत बढि़या।

SANDEEP PANWAR said...

जय हो गणपति, सुनकर अच्छा लगा,
बल्कि अभी तो सुन रहा हूँ जब पूरा हो जायेगा, तब मन को तसल्ली मिलेगी।