कमरे की खिड़की
गाड़ी का हार्न
और आँखों की चमक ...
भीनी -सी खुशबू
चादर की सिलवट
और चूड़ियों की खनक...
तुम्हारा देर से आना
मेरा मुँह फ़ेरना
और चॉकलेट आईस्क्रीम...
माँ का प्यार
रेशम की डोर
और आँखों की नम कोर...
लौटते पंछी
नीला आसमान
और डूबता सूरज......
गाड़ी का हार्न
और आँखों की चमक ...
भीनी -सी खुशबू
चादर की सिलवट
और चूड़ियों की खनक...
तुम्हारा देर से आना
मेरा मुँह फ़ेरना
और चॉकलेट आईस्क्रीम...
माँ का प्यार
रेशम की डोर
और आँखों की नम कोर...
लौटते पंछी
नीला आसमान
और डूबता सूरज......
9 comments:
कोमल कोमल ☺
नन्हा सा बच्चा, मीठी मुस्कान ...
कोमल भाव, सरल प्रवाह..
नाजुक ख्याल ..
:) सुंदर भाव
वाह....वाह...वाह...सुन्दर रचना...!
जाने ये क्या है
कैसी विधा है
बातें हैं कोमल!!
:)
Bhaut hi achha. Brilliant.
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