Wednesday, April 25, 2012

हाए!!! क्यों ?

कमरे की खिड़की
गाड़ी का हार्न
और आँखों की चमक ...

भीनी -सी खुशबू
चादर की सिलवट
और चूड़ियों की खनक...

तुम्हारा देर से आना
मेरा मुँह फ़ेरना
और चॉकलेट आईस्क्रीम...

माँ का प्यार
रेशम की डोर
और आँखों की नम कोर...

लौटते पंछी
नीला आसमान
और डूबता सूरज......


9 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

कोमल कोमल ☺

Smart Indian said...

नन्हा सा बच्चा, मीठी मुस्कान ...

प्रवीण पाण्डेय said...

कोमल भाव, सरल प्रवाह..

सदा said...

नाजुक ख्‍याल ..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:) सुंदर भाव

संजय भास्‍कर said...

वाह....वाह...वाह...सुन्दर रचना...!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

जाने ये क्या है
कैसी विधा है
बातें हैं कोमल!!

Avinash Chandra said...

:)

Shalu Sharma said...

Bhaut hi achha. Brilliant.