Sunday, July 5, 2015

परिचय

जब किसी से भी
नया परिचय होता है,
पूछता है वो, तुम्हारे बारे में
और बस !
ये पलकें ऐन वक्त पर धोखा दे जाती है...
टपका देती है
आँसुओं की बूँदों को
जिन्हें आँखे
जाने कब से सुखाने की कोशिश कर रही हैं...
देख लेता है वो
इन बूँदों को
और जान लेता है
तुम्हारे बारे में .....
मेरे बताने से भी पहले ...
और लगता है
उससे पुराना परिचय है मेरा....
-अर्चना

5 comments:

मनोज भारती said...

सुंदर भाव अभिव्यक्ति !!!

मनोज भारती said...

सुंदर भाव अभिव्यक्ति !!!

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, संडे स्पेशल भेल के साथ बुलेटिन फ्री , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

सुशील कुमार जोशी said...

सुंदर !

गिरिजा कुलश्रेष्ठ said...

यही तो सह-अनुभूति और संवेदना है .