Wednesday, December 23, 2009

एक विनम्र निवेदन

चूँकि मै शिक्षा जगत से जुडी हूँ इसलिए ये बात कह रही हूँ----------कॄपया ध्यान दें--------
मेरे सामने हमेशा एक गम्भीर समस्या आई है शायद इसका सामना आप लोगों को भी करना पडता हो, इसलिए इस बात की ओर सबका ध्यान दिलाना चाहती हूँ---------

" हम अंग्रेजी स्कूलों में पढते हैं ,
इसलिए रोज जाने क्या-क्या नये शब्द गढते हैं ।
अंग्रेजी कुछ इस तरह बोलते हैं ---
और करते हैं भूल ,
जैसे--
यू नो--- जिस लडके ने कल डांस किया था---ही वाज सोSSS कूSSSल !!!
या फ़िर-----
कल जिस लडकी ने गाना गाया था ----शी वाज हाऊ ब्यूटीफ़ूSSSल !!!
ये तो थी पहली समस्या ...........
अब दूसरी की ओर बढते हैं,
और समस्या नम्बर दो की पायदान चढते हैं----
बिहारी, पंजाबी, मराठी, गुजराती, बंगाली, हरियाणवी,
आदि भाषाएं हम सुनते हैं ,
और चूँकि मध्य-प्रदेश के वासी हैं, तो
इस भाषा में पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देने के लिए --
हिन्दी को ही चुनते हैं ,
और अन्त में ---तीसरी समस्या के रूप में आती है ,साऊथ की बारी --
और ये समस्या पहली दोनो समस्याओं से भी है भारी ,
वहाँ की भाषाएँ बहुत मधुर ,मीठी और सुरीली है ,
क्योंकि वे हमारी जड यानि संस्कॄत से जुडी हुई हैं ,
वहाँ के लोग जो भाषाएँ बोलते है ---
वो हमारे ऊपर से जाती है ,
और हमारी भाषा ,
उनके उपर से जाती है ,
जब हम आपस में मिलते है तो---
खडे रहते हैं दोनो आमने -सामने मुस्कुराते हुए ,
और एक दूसरे की बात समझ गये-- ये जताते हुए ,
तो आओ इन समस्याओं का हल निकालें,
हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है---ये सबको दिखा दें,
हम सब कहीं भी रहें ,कैसे भी बोलें--पर
अन्याय, अत्याचार , और आतंकवाद से निपटने के इरादे से आगे आएँ ---
और जब भी मौका मिले ---राष्ट्रगीत ऊँचे परन्तु समवेत स्वर में गाएँ ---
इन तीनों समस्याओं को दूर करने का यही है एक उपाय ,ऐसी मुझे आशा है ---
क्योंकि आखिर "हिन्दी हमारी मातॄभाषा है ! ! ! ! !"