Saturday, December 23, 2017

ग्रुप रिपोर्ट -गाओ गुनगुनाओ शौक से

रिपोर्ट - पूजा जी द्वारा लिया गया शोभना जी का इंटरव्यू ग्रुप गाओ गुनगुनाओ शौक से में-
शोभना जी का इंटरव्यू कल 5 मिनिट सुनकर बंद कर दिया था ,पांच मिनिट में ही लगा हड़बड़ी में सुनने का नहीं है,आज सुबह उठकर सीधे उसे प्रार्थना की तरह शुरू कर लिया ,अभी 25 मिनिट सुनकर ही लगा लिखती चलूँ...
शुरुआत पूजा की मीठी आवाज से मिश्री सी घुली लगी...फिर शोभना जी की दिनचर्या,खुद को समयानुसार ढाल लेने की कला,समाज को दिया समर्पण और विरोध के बावजूद अकेले चल पड़ने की कहानी प्रेरणास्पद लगी...
फिर अध्यात्म की ओर मुड़ जाना भी सुना,और जिस स्थिरता से वे सारे जबाब देती हैं लगा आध्यात्म ने उनमें गहरे  पैर जमा लिए हैं,इतनी स्थिरता पाना एक योग ही है ...
समय की पाबंदी रहे तो कई चीजें साथ देती है,अपने पक्ष में हो जाती है,एक बड़ी सीख शोभना जी के जीवन से मिली ।
रश्मिप्रभा जी की मुलाकात की साक्षी रही 👍
दिल में उतरने का राज उगलवा लिया रागिनी ने😊
संध्या ने उनके पथप्रदर्शक पता कर लिए,जीजाजी के अलावा रिश्तेदार और माँ को याद किया शोभना जी ने,और माँ को याद करते उनकी आवाज का भारीपन मेरी आँखें नम कर गया।
उत्साह,उमंग और उद्देश्य .....👌तीन उ सीखें सब
बच्चे ,बहू और बेटे ....तीन ब ने जीवन में आनंद भर दिया है।
उषा जी की एनर्जी पूरे ग्रुप में ईंधन देने का काम करती हैं।
मुझे आदर्श कहकर सातवें आसमान में पहुंचा दिया !उफ्फ!!!
चुलबुली शीतलने बिल्कुल सही सवाल देकर उगलवाया उनके प्रेरको को ... पन्ना धाय को इसी बहाने बरसों बाद याद किया ,नमन!
और शीतल के दूसरे सवाल से उनकी मुस्कान को महसूस किया मैंने😊👌हा हा
पूजा ने उषाजी का पेटेंट सवाल किया 😊
साहब का सवाल ...बड़ी एडमिन 😂😂😂 अहा कितने उपनाम मेरे...
मेरे सवाल का जबाब-मोह और जिम्मेदारी में ही बेटी से दादी नानी का सफर तय होता है .... सबसे बड़ी बात👌
कविता -मौत की दस्तक है तो जिंदगी की तलब है,सत्य वचन 👏👏👏👏
ओह गुरुदेव !आह!गुरुदेव!वाह गुरुदेव!!!😊 ग्रुप की ओर से शोभना जी के गायन को सुनने का मौका मिला इसके लिए गुरुदेव भी सहायक हैं ,प्रणाम उन्हें 👍
शोभना जी के भजन का कोई तोड़ नहीं वे सुप्रभाती हैं हमारे ग्रुप की....
स्वांतःसुखाय 👍के लिए बधाई हम सबकी ओर से...और संग्रह आते रहें ...शुभकामनाएं
आपकी कविता -
"अनमोल रिश्ते"
"मैं हारी नहीं
बस थोड़ी थकी हूँ
......
......
.....
....
कपड़ों की इज्जत करोगी
वे तुम्हारी इज्जत करेंगे ....
.....
...
ब्लॉग-अभिव्यक्ति पर आप सब भी पढ़िए उन्हें ...
साधना जी ने हॉबी पूछी और ऋता के सवाल जिंदगी में  सबसे ज्यादा कौन प्यारा का जबाब मिला "रिश्ते"!!!

सीख मिली-
नफरत न करें ,लड़ाई झगड़े से दूर रहें ,सबसे प्यार करें,और समाजसेवा में भी समय दें ।

ईमानदार और सच्ची शोभना जी का आभार ,साथ ही शीतल और पूजा के भी आभारी हैं,हम ग्रुप के सदस्य।

पूरा इंटरव्यू यहाँ सुन सकते हैं -

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Monday, December 4, 2017

यात्रा में क्षणिकाएं

1-

थक चुकी हूँ अब ...
फिर भी मुस्कुराती हूँ,
कि तुम सदा  मुस्कुराओ!
मौन होकर भी
बहुत कुछ कहती हूँ
कि बस! तुम समझ जाओ!
सुनाई नहीं देती
अब कोई भी आहट
किसी हादसे की,कि
चाहे किसी भी धुन में गाओ!
सफर पर हूँ,अकेली,निडर
और अनजान डगर में
एक आस लिए कि
मंजिल पर लेने तुम आओ!
-अर्चना

2-

उम्मीद नहीं थी कि
आँसू बरसकर
कागज पर उकेरे
अक्षरों को बादल में बदल देंगे
अचरज से आँखे फटी रह गई
जब अचानक से अनहोनी घटी!
-अर्चना

3-

कविताएं जन्म लेती है
भावनाओ से
भावनाएं बहती है
मौन के चिंतन से
चिंतन शुरू होता है
एकांत के मिलने से
और एकांत जाने कब
किस कोने में दुबका मिल जाये
नहीं जानता कोई
और अप्रत्याशित रूप से
जन्म ले लेती है
काव्यमय कविता ...👌
-अर्चना