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Sunday, April 17, 2011

नवरात्रि ९- दिव्या माथुर की कविता

नवरात्रि पर्व के नवमें  दिवस पर "शरद कोकास" नामक ब्लॉग  पर प्रकाशित कविता----
अनुवादक-दीपक "मशाल"

Wednesday, December 15, 2010

>>>>>दीपक "मशाल"------पता नहीं क्या क्या

आज दीपक"मशाल"की एक गज़ल मेरी आवाज में----------उनके ब्लॉग की उदास फ़ोटो को समर्पित--

"मेरे घर की दीवालों ने बातें करना सीख लिया है ---यहाँ पूरी गज़ल पढ़ें

 

और ये कविता लिखी है चित्र देखने के बाद

शायद आप नहीं जानते वह गाते भी अच्छा है -----( गिफ़्ट दिया था मैनें --हा हा हा )-यहाँ पढे



एक गज़ल पहले भी सुन चुके हैं आप यहाँ
और हाँ पेंटींग भी करते है --देखियेगा उनके ब्लॉग मसि-कागद पर--सबसे  अंत में--

Friday, September 10, 2010

देख अचरज..........दीपक "मशाल" की गज़ल.....

सुनिए-- गज़ल दीपक"मशाल" की......
 


दीपक"मशाल" की आवाज में यहाँ--मसि-कागद

एक कहानी भी --"दाग अच्छे हैं"

Monday, May 31, 2010

एक अजन्मी बच्ची का दर्द -------------------------------------




कुछ दिनों पहले मैंने दिलीप की नन्ही परी के सवाल का जबाब मांगा था मेरी इस पोस्ट में ---------


आज दीपक " मशाल " की भेजी इस कविता के द्वारा एक अजन्मी बच्ची  के दर्द को आवाज देने की कोशीश की है ---------------------.दो तरह से प्रयास किया है .......


एक में मैंने महसूस किया था कि जब उसकी माँ अपनी बच्ची से मिलकर उसका हाल पूछती होगी ...तब वो किस तरह से बताती होगी....................


और दूसरे में --------------जब वो कभी अपनी माँ से मिलती होगी......... तो किस तरह से बताती होगी ...................इसे सुनने के बाद आप भी बताए कि आप क्या महसूस करते है .......................


( दीपक " मशाल " जी ने बाद में बताया था वे इसे रंगमंच पर प्रस्तुति के समय प्रयोग करते थे और इसे उनके कई सहयोगियों ने मिलकर लिखा था .....)


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