Tuesday, March 27, 2012

कैचिंग पॉवर....


पल = लड़की ..................कनिष्क = लड़का ..........



कनिष्क और पल, के.जी. टू में पढ़ते हैं,और मेरे साथ स्कूल बस में जाते हैं,स्टॉप पर कभी मैं पहले आती हूँ ,कभी बस।
कुछ दिनों से बस पहले आ जाती है, तो इनकी प्रतिक्रिया---

पहले दिन -
पल- मैम आप लेट आए..
मैं- ह्म्म..(कनिष्क मुस्कुरा देता है)..

दूसरा दिन -
पल- मैम आप लेट आए..
मैं- सॉरी..( कनिष्क मुस्कुरा देता है)..

तीसरे दिन -
पल- मैम आज आप फ़िर लेट...
मैं- (कान पकड़कर) सॉरी बाबा ....कल से नहीं आउंगी....(कनिष्क के चेहरे पर मुस्कुराहट छा जाती है)...

चौथे दिन -
पल- मेSSSम !! आज फ़िर....
मैं- (ड्राईवर भैया से)-  भैया कल से मेरे लिए रूकना नहीं,मुझे छोड़ देना.....(पल मुस्कुरा देती है ,कनिष्क उसे देखता है)

पाँचवे दिन -(इस बार मैं जल्दी आई)...
पल- मैम आप रोज़ लेट आते हो....
मैं- नहीं..आज तो मैं पहले से खड़ी थी,बस ही लेट आई....
पल- नहींSSSS...
मैं- (ड्राईवर भैया से)- भैया, मैं  पहले आ गई थी न!,मैंने फोन किया था न?
भैया- हाँ ...
कनिष्क-(जो अब तक कभी नहीं बोला था) - ये तो ऐसे ही बकवास करती है,अंट-शंट बकती है,मैंने देखा था आपको, आप पहले से खड़े थे ......



4 comments:

संजय @ मो सम कौन... said...

बच्चे मन के सच्चे..

सदा said...

सीधी सच्‍ची बात ...

मुकेश कुमार सिन्हा said...

bachcho ke sath aapka bachpana jhalak raha hai:)

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

मैं बस मुस्कुरा रहा हूँ.. जलन होती है तुमसे कि तुम अपना बचपना जी रही हो, हम मिस करते हैं, कभी-कभी!
हाँ, मास्टरनी जी कहता हूँ तुमको अब "मेम" साहब भी कहना होगा!!:)