Saturday, May 1, 2010

व्यंगात्मक कहानी

" गरीबी एक अभिशाप है किंतु इससे विचलित होकर जो लोग गलत राह चुन लेते हैं , वे खुद को बर्बादी की ओर बढाते हैं और जो धैर्य रखकर संतोष व ईमानदारी अपनाए रखते हैं वे अपना उत्थान करते हैं "

सुनिए मेरी आवाज में आवाज पर ...............सुदर्शन जी की व्यंगात्मक कहानी...............".अठन्नी का चोर " ...........ये मेरा दूसरा प्रयास है ..................

4 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

Smart Indian said...

बधाई!

Archana Chaoji said...

धन्यवाद..........

ashish said...

अति सुन्दर