सुबह का समय , अखबार के पन्ने पलटते मैं चाय की चुस्की ले रही थी बरामदे में कि... मेडम गाड़ी धुलवाईयेगा? की आवाज आई, नज़र ऊठाकर देखा तो १०-१२ साल की लड़की गेट के बाहर से पूछ रही थी ...
आश्चर्य हुआ ...रोज तो एक दुबला-पतला मरा-मरा सा आदमी आता है गली में ... और उसके तो नियमित ग्राहक हैं ...
मैंने पूछा -तुम गाड़ी साफ करने आती हो?
उत्तर मिला- मैं रोज नहीं आती आज ही आई हूँ , माँ ने भेजा , वो काम पे गई ..बोली मेरे बाबा को रात पुलिस ले गई ...इस कॉलोनी में चोरी हो गई तो ....... मेरे बाबा को कुत्ते ने सूँघ लिया था .... कल गमछा वापस लाना भूल गए थे ... frown emoticon
-अर्चना
3 comments:
archna chav ji ,aap post mei bahut chaav bhar deti hai bahut sunder rachna hai
बहुत सुंदर प्रस्तुति
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सपनों का मतलब - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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