Tuesday, January 5, 2016

स्कूल का आखरी दिन


               उपप्रधानाचार्या श्रीमती शैला जैन ने धन्यवाद कुछ इस अन्दाज में किया .... बहुत कुछ सीखा इनसे .... आभार

और ये प्रधानाचार्या श्रीमती नलिनी पाल जी सर्टीफिकेट-
मैडम की ॠणी रहूँगी ....
 इसलिए कि मुझे मौका दिया, मुझमें विश्वास दिखाया ,और मुझे आत्मविश्वास जगाया .... आज जो भी हूँ ,जैसी भी हूँ आपके सामने, इनके द्वारा नौकरी के प्रस्ताव दिये जाने के कारण ही हूँ ....
धन्यवाद !



1)

आज स्कूल का आखरी दिन ..... 
ये उन बच्चों के लिए सूचना है...जो ये कहते रहे कि अब तक स्कूल में हैं आप ! ......
बहुत प्यार दिया बच्चों ने ...बहुत याद आएंगे ... 
खासकर मेरे खो-खो खिलाड़ी .... 
अभिनन्दन तमाम खिलाडि़यों का जो जिन्दगी को जीवन्त बनाए रखते हैं , चोट सहकर भी खेल और खेल के मैदान को प्यार करते हैं ......


2)
आज स्कूल के आखरी दिन बच्चों का गेम्स पिरीयड लेते हुए उन्हें बताया नहीं कि ये आखरी पिरीयड उनके हिस्से आया है ..... डर गई ----कि उनके क्यों का कोई जबाब नहीं था मेरे पास ..... 


3)
स्कूल के आखरी दिन तीन छात्राओं को प्रार्थना के बाद मेरे सामने लाया गया ,शिकायत थी कि प्रार्थना के समय बात कर रही थीं और अजीब सी हेअर स्टाईल बनाकर आई है स्कूल के नियम के विरूद्ध ....
कक्षा नौंवी की छात्राएं थी ,दो प्रायमरी से इसी स्कूल में पढ़ती हैं और एक का नया प्रवेश था इसी साल .... 
मैंने सिर्फ़ इतना पूछा कि क्या हुआ ? तीनों ने सॉरी कह दिया .... तब उन्हें ये समझाना पड़ा कि सॉरी सिर्फ़ शब्द नहीं ,अपनी पॉवर है ...कभी इस्तेमाल न करना पड़े, ऐसा काम करना चाहिए ....सॉरी बोलते हुए सिर नीचे झुक जाता है ,जो शर्मनाक है ...और अपनी गलती पर कभी अपने माता-पिता का सिर झुका तो वो और भी शर्म की बात होती है अपने लिए .... 
आज कतार से बाहर निकाला गया,जिसे सारे छोटे-बड़े बच्चों ने ,शिक्षकों ने देखा ,उन्होंने भी जो आपके मित्र हैं और उन्होंने भी जो आपको जानते नहीं .....
जो बातें आपको नहीं करनी चाहिए वो आप करती हो और जो करनी चाहिए वो नहीं .... 
उन्हें बताया कि पूरे साल मैंने आपको कभी कुछ नहीं कहा और आज मेरे स्कूल के अन्तिम दिन आप मेरे सामने इस तरह आई हो...
वे चौंकी ..... 
उनकी आंखे नम थी ....

13 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

17 - 18 साल के रिश्तों को एक पोस्ट में समेटना संवहव नहीं, लेकिन विदाई के इन पलों को समेटना एक अजीब अनुभव है! शुभकामनाएँ तुम्हें तुम्हारे नए रोल के लिए!!

mridula pradhan said...

कितनी भावभीनी होती हैं ये घड़ियां..

kavita verma said...

Bhavbheene pal

Unknown said...
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Unknown said...
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Unknown said...

Thank u sooo mch ma'am.. Kho-kho k din aaj bhi bhaut ache se yaad h..apne har time bhaut support kiya bhaut care ki.. ☺ #respectforyou #loveyouma'am

Unknown said...

Thank u sooo mch ma'am.. Kho-kho k din aaj bhi bhaut ache se yaad h..apne har time bhaut support kiya bhaut care ki.. ☺ #respectforyou #loveyouma'am

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन और कमलेश्वर में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Dr (Miss) Sharad Singh said...

अत्यंत रोचक ...

Unknown said...


सेवा में



नभ-छोर एक सांध्य-दैनिक समाचार पत्र है। आठ पृष्ठ के इस समाचार-पत्र में हम पाठकों की मांग के अनुरूप सुधार करते हुए ब्लॉगर्स को भी महत्वपूर्ण स्थान देने के इच्छुक हैं। आपका सहयोग इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। भविष्य में नभ-छोर में प्रकाशित होने वाले ब्लॉगर्स में हम आपके ब्लॉग्स को स्थान देना चाहते हैं। इसके लिए हम आपसे आपके ब्लॉग एड्रस से ब्लॉग को डाउनलोड कर उनके प्रकाशन के लिए आपसे अनुमति चाहते हैं, ताकि नभ-छोर के करीबन 30 हजार से अधिक पाठक आपके ब्लॉग को पढ़ सकें।


धन्यवाद

निवेदक
ऋषी सैनी
संपादक (नभ-छोर)
संपर्क: 9812047342

Unknown said...


सेवा में



नभ-छोर एक सांध्य-दैनिक समाचार पत्र है। आठ पृष्ठ के इस समाचार-पत्र में हम पाठकों की मांग के अनुरूप सुधार करते हुए ब्लॉगर्स को भी महत्वपूर्ण स्थान देने के इच्छुक हैं। आपका सहयोग इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। भविष्य में नभ-छोर में प्रकाशित होने वाले ब्लॉगर्स में हम आपके ब्लॉग्स को स्थान देना चाहते हैं। इसके लिए हम आपसे आपके ब्लॉग एड्रस से ब्लॉग को डाउनलोड कर उनके प्रकाशन के लिए आपसे अनुमति चाहते हैं, ताकि नभ-छोर के करीबन 30 हजार से अधिक पाठक आपके ब्लॉग को पढ़ सकें।


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निवेदक
ऋषी सैनी
संपादक (नभ-छोर)
संपर्क: 9812047342

Anonymous said...

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