Sunday, October 4, 2020

आज़ादी के दो दूत

रहना सादगी से 

बिना कोई ताम झाम

लक्ष्य निर्धारित कर 

उसको पाना इनका काम

न कोई अस्त्र न कोई शस्त्र

जीते शांति से जंग 

सफ़ेदी में इनकी वो चमक 

कि दबे रह गए सब रंग 

शास्त्री और गांधी भारत माता के ये दो पूत 

जाने इनको अब कहकर आज़ादी के दो दूत ...

-अर्चना

3 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

नमन

Onkar said...

बहुत बढ़िया

Way To Lyrics said...

Ek Number. Thanks For Sharing With Us.
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