Tuesday, March 15, 2022

बच्चों के लिए हास्य कविता

बात मार्च 2017 की है ।ब्लॉगर मित्र अंशुमाला जी ने एक कविता की मांग की थी फेसबुक पर,बच्चों के लिए हास्य कविता, तो ये लिखी थी।

मास्टरजी ने बच्चों को बुलाया
कक्षा में ये फरमान सुनाया
कल सबको विद्यालय अनिवार्य है आना
साथ में अपने, एक हास्य कविता भी लाना
सुन कर मास्टरजी का ये फरमान 
बबलू बाबा हो गए हैरान
चिंता से उनका सर भन्नाया 
घर जा माँ को मास्टरजी का फरमान सुनाया 
बोले - माँ कल जरूर से स्कूल जाना है
और साथ में हास्य कविता को भी ले जाना है 
अब हो गई माँ परेशान 
जानकर ये बहुत हुई हैरान!
कविता तो मिली ढेर सारी
सूरज ,फूलों,जानवरों वाली 
कहीं बन्दर था कहीं था भालू
कहीं कद्दू और कहीं था आलू
तुकबंदी थी,भाष्य नहीं था 
कविता मिली पर हास्य नहीं था,
तब माँ ने किया तकनीकी इस्तेमाल
फेसबुक पर स्टेटस ढेला और मंगवाया लिंकित ज्ञान
अब दोनों बैठे टकटकी लगाए 
टिपण्णी ताकते,कि कोई कविता-
कविता में  हास्य लेकर आए 
तभी मिला ये अद्भुत ज्ञान कि
अपनों संग जब समय बिताओ
हास्य से खुद सराबोर हो जाओ 
अब बबलू से फूटी हास्य की झड़ी है 
और हास्य कविता बबलू के मुंहबाएँ खड़ी है ...

2 comments:

Onkar said...

सुन्दर प्रस्तुति

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर