Wednesday, September 9, 2020

जन्मदिन पर छोटी दादी ने लिखा

यज्ञा यशी के लिए 😊👇


महकी है जीवन की बगिया
खिली  है आंगन दो दो कलियां !
मां का आंचल भरा प्यार से,
पापा की दो प्यारी पारियां !
दादी के दिल के टुकड़े है
दादी गाती खूब लोरियां !
मामी,नानी, मासी  खुश हैं
मामा, बुआ,फूफा खुश हैं 
किलकारी से गूंजी गलियां !
पढ़ लिख करके बड़ी हो जाओ,
काम से अपना नाम कमाओ
खेलो कुदो खुशी मनाओ,
दादियों संग गाने गाओ !!😀😀
रचना

Saturday, September 5, 2020

अहसास कुछ खास में खुद में





शीतल ने बीड़ा उठाया और रश्मिप्रभा दी ने आदेश दिया । खुद के गाये कुछ गीत भेज दिए एयर नतीजा आपके सामने है।


अहसास कुछ खास - एक ही कलाकार



बहुत ही प्रतिभाशाली हैं गिरिजा दी ।

Tuesday, July 7, 2020

पिता की दृष्टि से दुनिया

पिछले दिनों हमारे ग्रुप "गाओ गुनगुनाओ शौक से"जो कि शौकिया गाने के लिए बनाया था ,पर पूजा अनिल ने एक टास्क में विषय दिया था ,जिस पर मैंने कोशिश की वो कहने की जैसा कि पिता ने जीवन में हर समस्या को जिस तरह सुलझाया ...

पिता की दृष्टि से दुनिया-

कठोर पर भुरभुरी
टिकी जिस पर धुरी
गीली पर बस नम
दलदल, पर बस भरम

भिन्न भिन्न फुलवारी
जैसे रंगों भरी क्यारी
कड़क और गरम
पर मखमल सी नरम

निर्भीक,निडर ,दुस्साहसी
पर कोमल,नाजुक और कसी
दबी हुई मुस्कुराहट और खिलखिलाहट चरम
पर साथ हीआँखों में झुकी शरम

नन्ही सी जान
स्व की पहचान
मन में निर्मलता और ईमान
मेहनत ही पूजा, कर्म ही धरम

सुख जैसे प्याज की दो फाँक
और ज्वार ,बाजरे की रोटी
दुःख बहती नदिया का पानी 
और अपना करम..
-अर्चना

Friday, March 20, 2020

आओ लड़े "कोरोना" से

हम खिलाड़ी हारते हुए साथी का हौसला /मनोबल बढ़ाने के लिए ताली बजाते हैं,शोर मचाते हैं और हारता साथी हमारी ओर न देख खेलपर ध्यान रख अपने कानों में पड़ते शोर से अंतिम उम्मीद पा अंतिम साँस तक जीतने की कोशिश में हमारी ऊर्जा भी पा जाता है और सफल होता है ।
आज हर कोई खिलाड़ी के रूप में खड़ा है जीवन की इस दौड़ में ....तो मिलकर एक साथ एक समय पर भरें हौसला उन सब साथियों में , मदद को दौड़ें या दूर खड़े रह मददगारों के लिए बजाएं ताली या पीटें थाली पर बने रहें खिलाड़ी इस जीवन की दौड़ के ...

मैं मोदी नहीं ,न ही प्रधानमंत्री....
पर हूँ आपकी साथी, 
अपने बच्चों की माँ 
नाती,पोती की नानी-दादी
किसी की बहन
किसी की बेटी
नहीं चाहती उम्र और जीवन के
इस दौर में अकेली पड़ी रहूं
बिस्तर पर लेटी
दूर हो जाऊं अपनों से या
अपने बच्चों के सपनो से
सुन लेना तुम मेरी बात
एक दिन इस पड़े रहने के अनुभव को जीकर
देना अपने साथियों का साथ
रुक गए तो चलेगा फिर जीवन
अपने परिवार में भर पाओगे उमंग
शायद नहीं कर पायेगा "कोरोना" इतना तंग....
मिलकर बैठो बजाओ ताली
करो प्रार्थना पीटो थाली
शोधार्थियों का मनोबल बढ़ाओ
संक्रमण से लड़ने तैयार हो जाओ.....
-अर्चना

Sunday, February 2, 2020

लोरी


सोई सोई करती मेरी रानी बेटी
नाम उसका यज्ञा, नाम उसका यशी...

लम्बी -सी एक ,जब आई उबासी
साथ ही वो लाई पलकों की दासी

आँखों में आई हल्के-हल्के झपकी
दादी गोद ले देने लगी उसे थपकी

ठंडी हवा का मीठा सा झोंका जो आया
काँधे पर बिटिया ने सर को टिकाया

ठहर गया उस पल को जग सारा 
जब बिटिया ने किया बंद हुंकारा ....

सोई सोई करती मेरी रानी बेटी
नाम उसका यज्ञा, नाम उसका यशी...
-अर्चना (दादी)

Saturday, January 25, 2020

स्नेहल लक्ष्मी


लक्ष्मी क्या हुआ?चार दिन छुट्टी कर ली? कितनी परेशानी होती है ,देखो घर कितना गंदा हो गया है!फोन भी नहीं उठाती कितनी बार किया....
एक ही सांस में बोली चली जा रही थी स्नेहा...
लक्ष्मी पूरे धैर्य से सुनने के बाद धीरे से बोली-दीदी तबियत ठीक नहीं थी...
अरे!क्या हुआ फिर से? 
दीदी पीरियड नहीं आया था 2 महीने हो गए ,डॉक्टर को दिखाया उसने गोली दी ...बाद में जांच करवाई तो 2 महीने चढ़ गए थे ..
अरे!!तुम्हारी तो बेटियाँ कितनी बड़ी हैं।
जी वही तो...आदमी कहता है रख लेते हैं,लेकिन दीदी दो को पालना कठिन हो रहा है 6 घर काम करती हूँ..अब नहीं कर सकती।
हाँ ठीक है उसे लगता होगा लड़का हो जाये अगर...
हाँ दीदी लगने से क्या,खिलाना पढ़ाना कहाँ से करेंगे ,थोड़ा गुस्सा हुआ पर मैंने तो दवाई खा ली ....
अरे तो फिर रेस्ट कर लेती,जितना काम हो उतना ही करना ...
दीदी घर भी कितना बैठूँ ....मन नहीं लगता ....
लक्ष्मी सचमुच लक्ष्मी नाम सार्थक कर रही हो
दीदी आप भी तो स्नेहा हो .
...और दोनों हँस पड़ी .....

-अर्चना