Thursday, July 28, 2011

"माँ ने कहा था " पुस्तक के अंश ...

 आज प्रस्तुत है अरविन्द झा जी की पुस्तक "माँ ने कहा था" से कुछ अंश ....इनके ब्लॉग का नाम है "क्रांतिदूत "...
(अगर आपको पसंद आया तो आगे के भाग भी किये जा सकते है )

Sunday, July 24, 2011

एक गज़ल आयरलैण्ड से ....

 सुनिए दीपक’मशाल’ की एक गज़ल --



साथ ही दिजीए दीपक-मार्शलीन को विवाह की बधाई और शुभकामनाएं--- ये मेरा बड़ा बेटा है ---




Saturday, July 23, 2011

बारिशों के मौसम में...

(चित्र गूगल से साभार)
(दोनों में से  एक  चुनें व फ़िर पढ़ें कविता)



सावन का महीना
झमाझम बारिश
मूँदी आँखों मे
ढेरों ख्वाहिश
खोल दूं जो आँखें तो
टूटते सपनें हैं
बारिश और सपनों की
कैसी है ये साजिश.....







Wednesday, July 20, 2011

बार -बार दिन ये आये.....Happy b' day to you.........








मेरी दादी की गोदी मे  पल्लवी
अपनी नानी की गोदी में ..
                                                               



 





अमेय खुरासिया के साथ ...

चेतन भगत के साथ पूना में....

स्नेहाशीष....और भी आगे जाना है ....

Saturday, July 16, 2011

याद

मैं तुम्हें भूल चुकी हूँ
मगर नहीं जानती हर बार
तुम्हारी याद क्यों आती है?
वर्षों बीत गए तुम्हें भुलाए हुए
मगर अनजानों के बीच भी
तुम्हारी बात क्यों आती है?

Tuesday, July 5, 2011

माँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले,गले से लगा ले,कि .........

माँ....बच्चे के मन की हर बात को वो पहले से ही जान जाती है ...... माँ के न होने का अहसास ही सिहरन पैदा कर देता है...किसी भी उम्र के हो जाएं अगर माँ है तो बचपन जिंदा रहता है......और प्राकॄतिक आपदाओं मे अपनों को खोना वैसे भी दुखद होता है.....और वो माँ हो तो ..............."सुनामी". मे अपनी माँ को खो चुके बच्चे की  भावनाओं  को व्यक्त करते हुए समीर लाल "समीर" जी का एक गीत ‘माई’ पढ़ा /सुना ....और खुद महसूस किया------- 




(एडिट किया पद्मसिंह जी ने)