आज प्रस्तुत है अरविन्द झा जी की पुस्तक "माँ ने कहा था" से कुछ अंश ....इनके ब्लॉग का नाम है "क्रांतिदूत "...
(अगर आपको पसंद आया तो आगे के भाग भी किये जा सकते है )
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न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"