Thursday, November 25, 2010

सुबह की शुरूआत -माँ शारदे की वन्दना से



सुनिये गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी की एक रचना (इसे इस ब्लॉग से पढ़ा)

 

14 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत बढ़िया!! आज सुबह माँ शारदे के दर्शन करा दिए आपने। धन्यवाद।

संजय भास्‍कर said...

जय माँ शारदे ......

संजय कुमार चौरसिया said...

जय माँ शारदे ......

प्रवीण पाण्डेय said...

मधुर स्तुति, सुन्दर गीत।

arvind said...

jai maa sharde...bahut badhiya...badhiya prastuti bhi..

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

जय माँ शारदे...

Girish Kumar Billore said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Girish Kumar Billore said...

अर्चना जी शुक्रिया
मां शारदे की आराधना
मेरी रचना न मानिये
ईश्वर की प्रेरणा को शब्द दिये उनकी प्रेरणा से ही सच आपने अपने सुर देकर मुझे अभिभूत कर दिया
आभार

vandana gupta said...

जय माँ शारदे .

ASHOK BAJAJ said...

वन्दे मातरम , धन्यवाद !

Anonymous said...

acha laga :)

~Yagyadutt

राजीव तनेजा said...

सुन्दर स्तुती

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

गिरीश जी का आभार... मान शारदे लेखनी का प्रवाह और कंठ के गान को प्रखरता प्रदान करें!!

Smart Indian said...

वाह!