Tuesday, February 14, 2012

छोटू उस्ताद

जी सही समझे आप ....आज मिलवा रही हूँ अपने छोटू उस्ताद से ..

अभी तो जस्ट शुरूआत है..देखिए आगे-आगे करते हैं क्या ----

 


 नीले पुलोवर वाला लड़का

पुराने नीले पुलोवर-वाला,
वह लड़का उछलता कूदता,
सड़क पर शोर मचाता,
भागा जाता था, खुशी के मारे|

मैंने उसे रोका और टोका,
"क्यों, क्या हुआ? इतने खुश क्यों हो?"
उसने एक पांच का सिक्का निकाला,
और बोला "मुझे ये सड़क पर मिला!"
ऊपर उठाया सिक्के को,
सूरज की रोशनी में वो झिलमिलाया|

"और तुम इसका क्या करोगे,
ओ, नीले-पुलोवर-वाले छोटू बाबू?"

"मैं...मैं खरीदूंगा, खरीदूंगा
अपनी बेल्ट की बकल!"
पतला लड़का वह, समझदार है...
बकल खरीदेगा...
और वह दौड़-भागा, हँसते खिलखिलाते,
सिक्का वह उसकी गर्म मुट्ठी में कसकर बंद...

जो मैंने खोया था कुछ वक़्त गए,
था ये सिक्का वही,
मगर बेहतर उस नीले-पुलोवर वाले
लड़के के पास ही!

(रस्किन बौंड की कविता 'अ बॉय इन अ ब्लू पुलोवर' का हिन्दी अनुवाद)
अनुवादक - अनुभव प्रिय

13 comments:

केवल राम said...

यह छोटे उस्ताद और रस्किन बांड की कविता

बाल भवन जबलपुर said...

bahut khoob

लोकेन्द्र सिंह said...

वाह! मजा आ गया...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

यह सुंदर रचना पढ़वाने के लिए आभार

Smart Indian said...

अनुभव से हाल ही में परिचय हुआ है, प्रभावित हूँ। काव्यानुवाद पसन्द आया।

प्रवीण पाण्डेय said...

अहा, बेहतरीन अनुवाद..

जीवन और जगत said...

बढि़या। रस्किन बॉण्‍ड के लेखन का तो मैं दीवाना हूँ। अनुवाद भी स्‍तरीय है।

सदा said...

वाह ...बहुत खूब ..अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

खुबसूरत अनुवाद... सुन्दर प्रस्तुति...
छोटू उस्ताद से परिचय बहुत बढ़िया रहा...
सादर.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ-छोटे मियाँ सुब्हान अल्लाह!!

Udan Tashtari said...

परिचय को विस्तार दें कृपया...

संजय भास्‍कर said...

वाह छोटे उस्ताद
सुंदर रचना पढ़वाने के लिए आभार

अजय कुमार झा said...

शब्द और स्वर का संगम आपकी पोस्ट की खासियत रही है हमेशा से दी । आज छोटू उस्ताद से मिलकर र भी जानने की इच्छा उत्कट हो गई है । उडन जी की फ़रमाईश में अब मैं भी शामिल हो गया हूं । रस्किन को अंग्रेजी में खूब पढा है अब अनुवाद पढना और भी रोचक लगा । छोटी उस्ताद को हमारा स्नेह और शुभकाकनाएं