Friday, February 24, 2012

समारोह 4 - गॄहशान्ति और मंडप


दिनाक 18 जनवरी को हुई रस्मों के कुछ यादगार पल ----पल्लवी   
                                                                       

वत्सल--


गीत नहीं मिल रहा था ..तो सलिल भैया को आवाज लगाई और भैया हाजिर गीत लेकर......... भैया की विशेष रूप से आभारी हूँ...

6 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

मेरा आभार करने की कोई आवश्यकता नहीं.. बच्चों के लिए तो शकुनी मामा/कंस मामा ने कितने आक्षेप सहे.. सोचा हिन्दी गाने तो बहुत बजे कोई गुजराती गाना हो जाए!!
स्लाइड शो खुलने में समय लग रहा है!!

Smart Indian said...

:) अच्छा लगा!

सदा said...

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

प्रवीण पाण्डेय said...

देखकर बहुत अच्छा लगा..बधाई..

Udan Tashtari said...

तस्वीरें अच्छी लगी देख कर...

मुकेश कुमार सिन्हा said...

:) archu di ke family se milna sukhad laga:)