Sunday, February 26, 2012

ये आलसी का काम है

आज सुनिये एक ऐसी आवाज जिसे आप बार-बार सुनना चाहेंगे -- हैं तो ये आलसी पर चुपचाप एक काम कर रहे है जिसे सराहे बिना नहीं रह पाएंगे आप-- पास बैठेंगे तो सुनाएंगे बक-बक में भी नायाब बातें ..ऐसा ये कहते है ....

 

10 comments:

Arvind Mishra said...

इस कवि का पढना और सुनना दोनों ही आनंदानुभूति का हेतु बनता है ! आभार !

Smart Indian said...

आलसी शब्द का सरासर दुरुपयोग है यह तो। हमारी आपत्ति दर्ज़ की जाये।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आज सुबह से ही आलस्य त्याग कर ये हमारा दिन बनाने में लगे हुए हैं.. इनके कारण आज अपने गुरुदेव से बात हुई!!
इनकी कविता, इनके स्वर में सुनना अत्यंत सुखद अनुभव है..
तुम्हें भी धन्यवाद, इसे शेयर करने के लिए!!

प्रवीण पाण्डेय said...

पढ़ आये और सुन आये..आनन्द आ गया..

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

excellent - thanks for sharing ..

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बहुत बढिया, आलसी का काम अच्छा है।

Udan Tashtari said...

हमें तो क्रोम एरर दे रहा है उनके ब्लॉग पर....

Udan Tashtari said...

हमें तो क्रोम एरर दे रहा है उनके ब्लॉग पर....

Avinash Chandra said...

चूँकि आपको आभार व्यक्त नहीं करता हूँ, बस मुस्कुरा रहा हूँ :)

Rakesh Kumar said...

वाह!
अच्छा लगा सुनकर.