Wednesday, February 29, 2012

सत्य तो सत्य है .....

सच कड़वा होता है ?.....क्या सचमुच ?..ये पूछा है शिल्पा मेहता जी ने .............और बताया भी है ..कैसा होता है ..सच

मैं तो सिर्फ़ पढ़ रहीं हूँ ....और आप .....सुन रहे हैं...है न ???



उनसे पूछना रह गया कि उनके ब्लॉग का नाम  "रेत का महल" भला क्यो?.....अगली बार सही ....

और मेरा पसंदीदा एक गीत "सुख के सब साथी" --

8 comments:

Rakesh Kumar said...

आप बोलकर कहाँ पढ़ रहीं हैं अर्चना जी ?
आपको सुन नहीं पा रहें हैं.

पूछ कर हमें भी बताईयेगा जी.

गीत कहाँ है ?
कहीं ऐसा तो नहीं आपकी आवाजें मेरी सुनने
की wave length में नहीं आ रही हैं.

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बढिया संदेश, पानी तो पानी है…………पानी तो है बस पानी।…………और सुख के सब साथी……………॥ आभार

प्रवीण पाण्डेय said...

द्वन्द्व से परे है सत्य...बड़ी सुन्दर विवेचना..

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

अर्चना जी - आपका आभार | आपका प्रश्न है की इस ब्लॉग का नाम "रेत के महल" क्यों है ?

यह प्रश्न पहले भी कुछ लोगों ने पूछा है मुझसे | इसका उत्तर यहाँ है - http://shilpamehta1.blogspot.in/2011/11/sand-castles.html

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

:)

Smart Indian said...

सत्य वचन!

सदा said...

बहुत ही बढि़या ।

सदा said...

बहुत ही बढि़या ।