न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत रोचक..
बहुत ही सुन्दर नहीं खुबसूरत
बेहद खूबसूरत, शुभकामनाएं.रामराम.
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3 comments:
बहुत रोचक..
बहुत ही सुन्दर नहीं खुबसूरत
बेहद खूबसूरत, शुभकामनाएं.
रामराम.
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