न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
सुन्दर रचना... सुमधुर स्वर!सुख दुःख का रिश्ता रागिनी की तरह बज उठा... अनुभव द्वारा उद्घाटित सत्य जो है!वाह!
गिरीश पंकज जी सहित आपको बधाई
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सुन्दर रचना... सुमधुर स्वर!
सुख दुःख का रिश्ता रागिनी की तरह बज उठा... अनुभव द्वारा उद्घाटित सत्य जो है!
वाह!
गिरीश पंकज जी सहित आपको बधाई
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