आज सुनिए आराधना "मुक्ति" के ब्लॉग ईचक दाना बीचक दाना से उनकी लिखी एक कहानी शर्त
प्लेअर पोस्ट नहीं कर पा रही थी ...आदरणीय अनुराग जी की मदद से ये हो पाया ..उन्होंने एडिटिंग भी की है ....
आभारी हूँ उनकी ....
सुनकर बताईयेगा कैसी लगी ... कहानी को कहानी की तरह सुनाने का पहला प्रयास है ये मेरा ....
3 comments:
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
सुंदर
बढ़िया कहानी सुनाई- अराधना को भी बता देंगे,,, :)
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