Friday, March 4, 2016

पी. ए. संगमा ,जितना मैंने देखा

पी. ए. संगमा जी जब कोल मिनिस्टर थे ,तब उनके ही एरिया में कोल इण्डिया की एक मारूति जिप्सी का एक्सीडेंट हुआ था , हादसा इतना भयावह था कि गाड़ी 70 फीट नीचे खाई में गिर चुकी थी , दो मृत शरीर सड़क पर और 3 साथी गाड़ी के साथ खाई में ...भयंकर बारिश.....करीब एक घंटे बाद एक टेंकर  घटना स्थल पर आया ,उसे एक मृत व्यक्ति की जेब से पिछले पेट्रोल पम्प की एक रसीद कोल इण्डिया के नाम पर मिली ... तब मोबाईल तो थे नहीं, टेंकर वाला वापस उस पेट्रोल पम्प पर गया ,पेट्रोल पम्प वाले ने सीधे दिल्ली फोन लगाया और वहाँ से गौहाटी ऑफिस खबर मिली और मदद पहुंचाई जा सकी ।
एक हफ्ते के अंदर संगमा जी न्यूरोलॉजिकल सेंटर में घायलों को देखने आए थे ..
वही आई सी यू में उनके गाँव के एक परिवार का एक १७-१८ साल का लड़का दो दिन से एडमिट था और उसी दिन सुबह उसका देहान्त हो गया था, माता-पिता गरीब और वॄद्ध थे,  कुछ साधन न होने से वे शाम तक बेटे का शरीर ले जा पाने का इन्तजाम नहीं कर पाए थे ... 
जब संगमा जी लौट रहे थे वॄद्ध उन्हें पहचान गया , उनकी भाषा में उनसे कुछ कहा.. उन्होंने साथ के कंपनी कर्मचारियों को कुछ हिदायत दी .... और अपने दोनों हाथ अपनी पेंट की दोनों जेबों में डाले , जितने रूपए निकले पूरे वॄद्ध के हाथों पर रखते हुए अपनी ही भाषा में कुछ कहा... और चल दिये ... कुछ देर में उनके लिए एक गाड़ी का इन्तजाम कोल इंडिया ने कर दिया था ...... 

दो मिनट पहले ही मैं उनसे मिली थी .... 
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5 comments:

SKT said...

Bhale insaan the Sangma ji

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-03-2016) को "ख़्वाब और ख़याल-फागुन आया रे" (चर्चा अंक-2273) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " देशद्रोह का पूर्वाग्रह? " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

जसवंत लोधी said...

शुभकामनाएं
Seetamni. blogspot. in

जमशेद आज़मी said...

आपके संस्मरण के माध्यम से मुझे भी पी.ए.संगमा जी को जानने समझने का मौका मिला। आपका आभार।