Wednesday, October 23, 2019

एक बूंद अमृत की

"Mam aap humare. Liye fighter example haai"

1998 में वार्डन थी,2000 तक ...अगर इतने साल बाद भी कोई अच्छे काम याद करे तो जीवन का उद्देश्य सार्थक होता लगता है।

2 दिन पहले फेसबुक मैसेंजर पर अचानक पुराने विद्यार्थी ने याद करते हुए लिखा था ,बातचीत में आगे ये भी -
Mei kai baar apni wife ko bolta Be strong
Humari warden thi
Unke jaisa bano
Kal ko kuch ho jaaye mujhe to
Unka example. Leke badna
Harna nahi
- हाँ, कई बार हारते हारते बची ...  जैसे आज आपके इन शब्दों ने फिर ऊर्जा भर दी 👍👍👍

अच्छा लगता है, ईश्वर न जाने किस-किस रूप में हम पर नज़र  रखे हुए है,निराशा में आशा की किरण दिखाने के लिए मयूर की आभारी हूँ ।  
https://www.facebook.com/mayur.bhawsar.52

2 comments:

गिरिजा कुलश्रेष्ठ said...

तुम हो ही ऐसी . उजाला हो जाने कितनी आंखों का

Anonymous said...

जन्म दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएँ