Tuesday, January 19, 2021

शुभकामनाएं

शादी की नवीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं


आँखे बोलती है जब तो आवाज नहीं होती
सुनने वाला विरला ही कोई सुन पाता है ...

बुनी जाती हैं सबकी फ़ंदा दर फ़ंदा जिंदगी
पर जिस तरह आँखे बुनती है विरला ही कोई बुन पाता है...

संगीत की लय पर थिरक जाये आत्मा अपनी
ऐसी मधुरतम लय विरला ही कोई गुन पाता है...

और बेमतलब साथ अपने चल सके दूर तक कोई
ऐसा साथी जीवन में विरला ही कोई चुन पाता है ....

7 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

शुभकामनाएं।

rachana said...

सुंदर कविता ❤️❤️

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

9वीं वैवाहिक वर्षगाँठ पर दम्पत्ति को शुभकामनाएँ और आपको बधाई हो।

Onkar said...

सुंदर कविता.वर्षगाँठ पर बधाई

ऋता शेखर 'मधु' said...

सुन्दर अभिव्यक्ति !

A rai said...

बधाई हो।

PRAKRITI DARSHAN said...

अच्छी कविता...खूब बधाई