Saturday, October 16, 2010

लाल्लालाला ssssssssssssआ...लालालालाआssssssssssss ज़ूज़ूज़ूज़ूऊऊऊऊऊज़ूज़ूज़ूज़ूज़ूज़ू--हा हा हा हा

करना तो था श्री महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत्र...................पर माईक काम नहीं कर रहा ......पहले रिकार्ड कर चुकी कोई प्रार्थना ढूंढी....................नहीं मिली.................मिला तो ये गीत.........उतना बुरा भी नहीं पर तब भी कोई मेहमान के आ जाने से बीच में रोकना पड़ा था...........पर ये तो अपना स्टाईल है .......यही सही......एक नया प्रयास..............हा हा हा......पर माईक ठीक होते ही पहले स्त्रोत्र......(या कहीं से जुगाड़ के (रचना या देवेन्द्र जिन्दाबाद) )..पक्का........
सारे ब्लॉगर साथियों और उनके परिवार को नवरात्री पर्व और दशहरे की शुभकामनाएं.............मेरी और मेरे परिवार की ओर से........ईश्वर सबको हमेशा खुश रखे इसी कामना के साथ ......सुनिये ये गीत (जैसा भी है ...)

 

3 comments:

संजय कुमार चौरसिया said...

aapko bhi dashahra ki bahut bahut badhai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

जिन्दगी की पहेली का गीत अच्छा लगा!

प्रवीण पाण्डेय said...

मधुर गीत।