Tuesday, February 1, 2011

भीष्म साहनी जी की कहानी -"गुलेलबाज लड़का"

12 comments:

दीपक 'मशाल' said...

Sundar Pathan.. aabhar. :)

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रवाहमयी पर मुँह नहीं चल रहा था चित्र में।

Anonymous said...

आपने सुन्दर कथा का वाचन किया है!

संजय कुमार चौरसिया said...

Sundar Pathan

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी , धन्यवाद

बाल भवन जबलपुर said...

हम दौनो ने सुनी अच्छी लगी

शिवम् मिश्रा said...


बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !

आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - ठन-ठन गोपाल - क्या हमारे सांसद इतने गरीब हैं - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

सहज समाधि आश्रम said...

I really enjoyed reading the posts on your blog.

शरद कोकास said...

बहुत बढ़िया चयन ।

केवल राम said...

अंदाज -ए- वयां अद्भुत है ....आपका आभार

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर..."ला-जवाब" जबर्दस्त!!

संजय भास्‍कर said...

कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
........माफ़ी चाहता हूँ