Monday, October 31, 2011

बस धन्यवाद कहना है ....

पिछले दिनों जन्मदिन पर  इतनी बधाईयाँ और प्यार मिला जिसे भूला नहीं पाउंगी कभी..और ये सिलसिला अब तक नहीं रूका है ...

मेरे बच्चो, भाईयों और परिवार ने चकित कर दिया पूरे २४ घंटों तक ...
जैसा उधर पा रही थी वैसा ही इस ब्लॉग परिवार में भी  ..

 इस स्नेह की शुरूआत हुई थी गत दिनों मेरी रायपुर ट्रिप के साथ ....... 
(रायपुर ट्रिप पर लिखना बाकी है इन रिश्तों की अगली कड़ी में.).....

कहा था मैनें पहले भी कि--------- आभासी रिश्ते आभासी नहीं होते 

सब कुछ तो लिख नहीं पा रही अभी न  फोटो ही हैं मेरे पास..........

..फ़िर कभी सही पर क्या कहूँ आभार व्यक्त करने को शब्द नहीं हैं मेरे पास ...बहुत देर हो गई है ............पर बस धन्यवाद कहना है सबको....
और ये तरीका ही नज़र आ रहा है.........




12 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

धन्यवाद जी, शुक्रिया।

विवेक रस्तोगी said...

धन्यवाद

मनोज कुमार said...

रिश्ते तो रिश्ते होते हैं।
आभासी तो सारा संसार ही है।

Ravi Rajbhar said...

dhanyabad g.

सदा said...

:)

प्रवीण पाण्डेय said...

आपके धन्यवाद को धन्यवाद..

अरुण चन्द्र रॉय said...

धन्यवाद को धन्यवाद.

vijaymaudgill said...

shukriya kehne ka nirala andaaz bahut pasand aaya.....shukriya

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:):)रिश्तों की गहनता मन से होती है

संजय भास्‍कर said...

बहुत-बहुत धन्यवाद

Asha Lata Saxena said...

अर्चना जी देर से ही सही जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा

abhi said...

मैं मिस कर गया आपका जन्मदिन :(
बहुत देर हो चुकी है, फिर भी बिलेटेड हैप्पी बर्थडे अक्सेप्ट कर लीजिए!! :)