Friday, March 30, 2012

जन्मदिन मुबारक-- छोटी बहना!!!

रचना को जन्मदिन की बधाई व शुभकामनाएं ---         
    ‘ हमारी फ़ितरत ही ऐसी है कि
       एक जैसी ठहर नही पाती है   हर नये दिन के साथ वो भी बदल जाती है!’....! 
                                                             
                                                                               





 सदा यूँ ही हँसती रहो....और लिखती रहो......  


                   "मैं आम नहीं खास हूँ "

क्या पता मै कौन हूं!
वाणी या कि मौन हूं!
मै एक उजली आस हूं,
मै एक अथक प्रयास हूं!
अलगाव हूं, रूझान हूं,
जिम्मेदारी हूं, एहसान हूं!
मै सतह हूं, थाह हूं,
शक्ति मै अथाह हूं!
मै दुख हूं, हर्ष हूं,
साहस हूं, संघर्ष हूं!
प्रचूर हूं, अल्प हूं,
प्रयोग का प्रकल्प हूं,
समस्या हूं, विकल्प हूं!
मै एक द्रूढ संकल्प हूं!
मै एक तीव्र चाह हूं,
खुद ही अपनी राह हूं!
मै प्यार का सम्बन्ध हूं,
या कि मै अनुबन्ध हूं!
मै कर्म हूं और साधना,
और मै आराधना!
मै काव्य हूं और छन्द हूं,
और मै निबन्ध हूं!
आरंभ हूं और अन्त भी,
सूक्ष्म हूं, अनन्त भी!
कही गयी, अभिव्यक्त हूं,
या कि मै अव्यक्त हूं!
सत्य हूं, और स्वप्न हूं
भाग्य हूं, प्रयत्न हूं!
सफ़ल भी हूं, विफ़ल भी हूं,
प्रश्न मै और हल भी हूं!
कठिन हूं मै, सरल भी हूं,
कठोर भी, तरल भी हूं!
गूथी हुई, उलझन भी हूं,
और मै सुलझन भी हूं!
विचार की उत्प्रेरणा ,
मै कर्म की हूं प्रेरणा!
न्यून हूं, समग्र भी,
शांत हूं, और व्यग्र भी!
वेदना, संवेदना हूं
जड़ भी हूं, हूं चेतना!
सुनहरी उजास हूं !
मै आम नही खास हूं !!
 -  रचना बजाज
 और मेरी ओर से एक गीत तुम्हारे लिए...

Wednesday, March 28, 2012

सूखा गुलाब !!

--नमस्ते..
--नमस्ते..
-- मैं आपको पसंद करता हूँ...
--??? क्या मतलब? ....कहते हुए चौंक गई मैं (अपनी जन्मतारीख भी याद करने लगी थी...कन्फ़र्म ५० पूरे हो चुके हैं)
--सॉरी........ यानि मैं आपका लिखा पसंद करता हूँ....
--ओह!!!, तब ठीक है .....कातिल मुस्कान (यही कहते हैं सब :-)...)छा गई चेहरे पर मेरे ....आगे कहा -पर मुझे तो लिखना ही नहीं आता ....
-- नहीं ,नहीं आप ऐसा कैसे कह सकती हैं ? मैनें पढ़ा है आपको ,वो SSS..........बुक पर ...और देखा भी है .....
 
और मैं आँखें बन्द कर सोच रही हूँ ---बुक में देखा!!! अरे हाँ याद आया एक सूखा गुलाब ! है तो मेरी बुक में भी ....
साथ में गीत चल रहा है--- पल-पल दिल के पास तुम रहती हो..............



...और जाने कब गीत खतम हो गया ..गुलाब की खुशबू तो अब भी आ रही थी........
अचानक गेट पर किसी के ठकठकाने की आवाज़ आई और आँखें खुली मेरी.......और तभी ...
...... शुरू हो गया अगला गीत - वो शाम कुछ अजीब थी ये शाम भी अजीब है .....

Tuesday, March 27, 2012

कैचिंग पॉवर....


पल = लड़की ..................कनिष्क = लड़का ..........



कनिष्क और पल, के.जी. टू में पढ़ते हैं,और मेरे साथ स्कूल बस में जाते हैं,स्टॉप पर कभी मैं पहले आती हूँ ,कभी बस।
कुछ दिनों से बस पहले आ जाती है, तो इनकी प्रतिक्रिया---

पहले दिन -
पल- मैम आप लेट आए..
मैं- ह्म्म..(कनिष्क मुस्कुरा देता है)..

दूसरा दिन -
पल- मैम आप लेट आए..
मैं- सॉरी..( कनिष्क मुस्कुरा देता है)..

तीसरे दिन -
पल- मैम आज आप फ़िर लेट...
मैं- (कान पकड़कर) सॉरी बाबा ....कल से नहीं आउंगी....(कनिष्क के चेहरे पर मुस्कुराहट छा जाती है)...

चौथे दिन -
पल- मेSSSम !! आज फ़िर....
मैं- (ड्राईवर भैया से)-  भैया कल से मेरे लिए रूकना नहीं,मुझे छोड़ देना.....(पल मुस्कुरा देती है ,कनिष्क उसे देखता है)

पाँचवे दिन -(इस बार मैं जल्दी आई)...
पल- मैम आप रोज़ लेट आते हो....
मैं- नहीं..आज तो मैं पहले से खड़ी थी,बस ही लेट आई....
पल- नहींSSSS...
मैं- (ड्राईवर भैया से)- भैया, मैं  पहले आ गई थी न!,मैंने फोन किया था न?
भैया- हाँ ...
कनिष्क-(जो अब तक कभी नहीं बोला था) - ये तो ऐसे ही बकवास करती है,अंट-शंट बकती है,मैंने देखा था आपको, आप पहले से खड़े थे ......



Thursday, March 22, 2012

कोई बात नहीं बस यूँ ही ...

तुम्हारी याद
गुमसुम हम
काँटे की चुभन

रिमझिम फ़ुहार
सावन के झूले
बन्द पलकें

खुशबू और फ़ूल
और तेरी याद
बे- मौसम बरसात...

मैं और मेरा चाँद
बहुत दूर पर बहुत पास
वाह! भी और आह! भी....

छुपे हुए जज़्बात
इशारों की जुबां
कोई बात नहीं...........


और एक गीत सुनना चाहें अगर --
(गीत किसका है नहीं मिल पाया,जो जानते हैं जरूर बताएं)




Wednesday, March 14, 2012

हार्दिक अभिनंदन...आभार !!!


 
 प्रवीण जी तक हमारी फ़ीड पहुँच रही है .....मगर गुप्त रूप से !!...........फोटो खोजने पर भी नहीं मिल रहा ...और हमने उनकी विनम्र प्रार्थना स्वीकार कर ली ....उनका भी आभार!!



अपने सभी अनुसरणकर्ताओं का आभार !!!..
कुछ जाने चेहरे!..............
कुछ अनजाने चेहरे!.............
कुछ मुखौटोंवाले चेहेरे!.....
कुछ पर्दा ,कुछ बेपर्दा चेहरे.....
कुछ छुप जाने वाले चेहरे....
कुछ नज़र आने वाले चेहरे.......
कुछ तेज़ दौड़ने वाले चेहरे......
कुछ पीछे छूट जाने वाले चेहरे......
कुछ व्यक्त ..कुछ अव्यक्त चेहरे.....
कुछ बड़बोले.....कुछ मौन चेहरे.....
पता नहीं कौन-कौन से चेहरे...........
पीछा करते थे ..कर रहे हैं ....करते रहेंगे!!!..............


कोई खास तिथी या तारीख नहीं है .....होनी भी नहीं चाहिये......बस आज सबको याद करने का मन किया !!!!!!
आजकल की भाषा में ---ऐंवैं ही............तो सभी का शुक्रिया और आभार !!!....