न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे,
न ही किसी कविता के,
और न किसी कहानी या लेख को मै जानती,
बस जब भी और जो भी दिल मे आता है,
लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Saturday, November 10, 2012
वो शाम ...
ठंडी पड़ती धूप उस पर सिंदूरी सा रूप हल्की-हल्की बहती हवा गम दूर करने की जैसे दवा महक जिसमें होती खास जगती तुझसे मिलने की आस इन्तजार का होता खात्मा और जी उठती मेरी आत्मा न होता कोई और काम बस आराम ही आराम बीतती ऐसी मेरी हर शाम काश! बस तेरे ही नाम... -अर्चना
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ...भाव बहुत सकारात्मक और अच्छे हैं |मैंने भी एक शेर पढ़ा था- LOVE IS DIVINE GOODNESS ....WORSHIP IS CAUSED BY FEAR. आशिकी से मिलेगा ,..... ऐ जाहिद ! बंदगी से ,..... ....खुदा नहीं मिलता। ________________________________________________ -दाग जाहिद = संयमी, संयम-नियम और जप-तप करने वाला // बंदगी = पूजा, इबादत
10 comments:
वो शाम कुछ अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है.
वो कल भी पास-पास थी
ये आज भी करीब है!!
एक इंतज़ार ....जो कभी खत्म नहीं होगा
दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
SHUBH DIPAWALI .BAHUT HI SUNDAR BHAW
सुंदर भावपूर्ण रचना |
भावप्रवण रचना ....
दीपावली की शुभकामनायें
शाम ढली सी,
रात भली सी,
कल जिजीविषा,
मिले कली सी।
दीपावली पर्व के अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
इन्तजार का होता खात्मा और जी उठती मेरी आत्मा..तब शांत हो जाती बेचैन आत्मा भी।
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ...भाव बहुत सकारात्मक और अच्छे हैं |मैंने भी एक शेर पढ़ा था-
LOVE IS DIVINE GOODNESS ....WORSHIP IS CAUSED BY FEAR.
आशिकी से मिलेगा ,..... ऐ जाहिद !
बंदगी से ,..... ....खुदा नहीं मिलता।
________________________________________________
-दाग
जाहिद = संयमी, संयम-नियम और जप-तप करने वाला // बंदगी = पूजा, इबादत
Post a Comment