१
स्वागत तेरा
आँगन आँगन में
मेरे बसन्त ...
२
पीली सरसों
और लाल पलाश
केशरिया मैं...
३
प्रीत उमगे
उर में साजन के
मैं शरमाउँ...
४
बसन्त आया
बिछ गई धरा पे
पीली चूनर...
५
कोयल बोले
आम के पेड पर
मधुर बोली...
६
पीली सरसों
चमक उठे खेत
महके मन..
७
मेरी कोयल
कूकती,चहकती
बसन्त संग...
और अब रविन्द्र संगीत--
इन हायकु को हाइगा के रूप मे बदलने के लिए ॠता शेखर‘मधु’ जी का आभार ...
स्वागत तेरा
आँगन आँगन में
मेरे बसन्त ...
२
पीली सरसों
और लाल पलाश
केशरिया मैं...
३
प्रीत उमगे
उर में साजन के
मैं शरमाउँ...
४
बसन्त आया
बिछ गई धरा पे
पीली चूनर...
५
कोयल बोले
आम के पेड पर
मधुर बोली...
६
पीली सरसों
चमक उठे खेत
महके मन..
७
मेरी कोयल
कूकती,चहकती
बसन्त संग...
और अब रविन्द्र संगीत--
इन हायकु को हाइगा के रूप मे बदलने के लिए ॠता शेखर‘मधु’ जी का आभार ...
14 comments:
बासन्ती हाइकू, सुन्दर संगीत..
बसंत का स्वागत करते बेहतरीन हाइकू,,बधाई
RECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
सब बहुत खुबसूरत ....
बधाई !
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल रविवार 10-फरवरी-13 को चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है.
chunar basanti pahan kar ,swagat basant ka kijiye,dil ke kone kone ko
,pila pusp arpit kijiye,sundar rachna
बसंत का सुन्दर स्वागत , बढ़िया क्षणिकाएं |
सादर
बहुत सुंदर वासंती हाइकु
अलग से हाइकु
बसंती हाइकु बहुत सुंदर फूलों जैसे वसंत पंचमी की शुभ कामनाए
बहुत सुन्दर हाइकू ... जैसे बसंत में जान डाल डी हो ...
बहुत सुंदर हाइकु
बहुत बढ़ियाँ...
:-)
वाह ... बहुत ही बढिया
बासन्ती हाइकू, सुन्दर संगीत बधाई *****
वसंत ऋतु के स्वागत में बहुत खुबसूरत हाइकू .....
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