न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ
सोनल रस्तोगी जी की कहानी * अधूरी * का बहुत सुन्दर वाचन अच्छा लगा कहानी दिल के करीब
सुनकर वही शब्द और मुखर हो जाते हैं।
उफ्फ ये अधूरापन ...और उसे पूरा करने की कोशिश!!बहुत सुन्दर ...पधारें " चाँद से करती हूँ बातें "
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ
सोनल रस्तोगी जी की कहानी * अधूरी * का बहुत सुन्दर वाचन अच्छा लगा कहानी दिल के करीब
सुनकर वही शब्द और मुखर हो जाते हैं।
उफ्फ ये अधूरापन ...और उसे पूरा करने की कोशिश!!
बहुत सुन्दर ...
पधारें " चाँद से करती हूँ बातें "
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