ये है वीनू .....
मैसूर मे वत्सल के घर वाली गली का आम कुत्ता
मैसूर मे वत्सल के घर वाली गली का आम कुत्ता
तीन -चार दिन तक यही क्रम चलता रहा वत्सल भी याद से रोज ब्रेड लाने लगा ,कभी जब ब्रेड भूल गया तो कार्नफ़्लेक्स देने पर यहीं खा लेता,रोटी दी - जो चीज वो मुंह मे दबा कर ले जा सकता ,जरूर लेकर जाता वत्सल ने जाकर देखा की आखिर ब्रेड लेकर कहाँ जाता है तो पाया एक कुतिया थी ,जिसके लिए ब्रेड लेकर जाता था और दोनों उसे देकर आता था ,तीसरी वो खुद खाता था ,और हमेशा बस तीन ब्रेड...एक भी ज्यादा नहीं ....धीरे -धीरे रोज वत्सल के ऑफिस से आने का इंतजार करता था ...
अगर वत्सल और देर से आता तो गाड़ीदेखते ही उसके साथ दौड़ा चला आता ....
एकदम साफ सुथरा रहता ----
अभी होली पर वत्सल घर गया तो ,वापस आने पर वीनू नहीं मिला :-(
पता नहीं चला कि कहां गया .... वत्सल बहुत याद करता है ...
पता नहीं चला कि कहां गया .... वत्सल बहुत याद करता है ...
अभी मैं यहां हूं वत्सल के साथ बाहर जाते समय मैंने महसूस किया है की उसकी निगाह वीनू को ही खोजती है -नाम भी वत्सल ने ही दिया था ...
आज अपने फोटो फेसबुक पर अपलोड करते हुए ये फोटो मुझे दिखाए और वीनू के बारे मे बताया ....
सच में !मिली तो नहीं उससे पर आभासी दुनिया के रिश्ते ऐसे ही तो बनाते हैं हम ....
तो मैंने आपसे मिलवाया --
काश! वीनू जहां भी हो अच्छा हो....
6 comments:
अनोखा है वीनू
भावनाओं को समझने के लिये आँखें ही पर्याप्त हैं।
प्यार के दुश्मनों ने कहीं अलग तो नहीं कर दिया दोनों को!! बहुत प्यारी घटना!!
:)
:(
पालतू जानवर या पशु जीवन का अभिन्न अंग बन जाते हैं बस यही रंग बीनू के संग ...खुबसूरत जीव प्रेम सदभावना बनी रहे .....
bahut hi bhavuk....
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