ये है ननिहाल के आँगन का पीपल का पेड़... मेरे मामाजी से लेकर उनके पोते इसी की छ्त्रछाया में पले-बड़े हुए और आज भी इसकी हवा तरोताजा रखती है उन्हें...,बचपन से लेकर अब तक इनकी छाया में सुकून की नींद लेते हैं हम ...जब भी मौका मिलता है......मामाजी ने बताया कि ये पीपल भी उसी घर का लड़का है ,इसके जनेऊ भी किये हैं .और तो और...सुनने में आया है ,जिनकी दो शादी होगी ऐसा बता देते हैं पंडित * तो उन लड़कियों की इनसे शादी भी की गई है ...
बूढ़े हो गए पीपल मामा भी अब ....
और ये रहे बड़े मामाजी श्री सुदामा शंकर सराफ़,फ़ुटबॉल के खेल के शौकीन....अभी पैर में फ़्रैक्चर हुआ है, तो बैठे हैं पलंग पर....
केप तो उनकी अपनी हैं, हमेशा लगाए रखते हैं...
शीला मामी के साथ ..दोनों शिक्षक रहे ,अब रिटायर हैं... शादी की पचासवीं सालगिरह पर बहुत शुभकामनाएँ मामा-मामी को ....
और इस फोटो में मम्मी के साथ मामी-मामाजी उनकी चारों पुत्रियाँ (चारों शिक्षिकाएँ हैं ) साथ हैं- उनकी भाभी भी राईट साइड कार्नर में.....
मामाजी ने मुझे उपहार में दी अपने संकलन से---
और आज ही नासिक से पहुँची हूँ इन्दौर .. यहाँ छोटी मौसी भी आई हुई हैं ...और जन्मदिन है आज उनका सत्तरवाँ तो लगे हाथ बधाई शशि मासी को भी ---
शुभकामनाएँ हम सबकी ओर से ....(फोटो अभी लिया स्पेशल जन्मदिन की बधाई देने को ).. :-)
9 comments:
Dhanywad, sachitra kahani ke liye...
Dhanywad, sachitra kahani ke liye...
हमारे यहाँ पर एक नीम का पेड़ होता था...बहुत ही सुन्दर वर्णन।
बचपन की यादें सदैव साथ रहती हैं...बहुत रोचक प्रस्तुति...
बचपन की मधुर यादें, उन यादों में प्राण फूँकने वाले आत्मीय स्वजन और उन सुमधुर यादों से चहुँ ओर से आच्छादित ननिहाल का स्नेहिल सदन ! सबसे मिल कर बहुत अच्छा लगा अर्चना जी ! आपने बहुत कुछ याद दिला दिया पीछे छूटा हुआ !
मायका, ननिहाल और उससे जुडी यादें सबसे और प्यार रिश्ता माँ का भाई मामा , जन्म दिन एक नहीं दो सादर प्रणाम मेरे अपनों को और आभार परिचय करवाने का
सभी को बधाई, पीपल मामा को प्रणाम।
mahakti yaaden ..
Happy birthday maasi ji 🙏❤
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