Sunday, August 25, 2013

अगर हम ठान लें मन में .....

कहाँ तकदीर लिखती है, उजाला सबके हिस्से में,

कहाँ खुशियाँ नज़र आती हैं, अक्सर अपने किस्से में.

मगर मेहनत कड़ी कर लें, खुशी तब मुस्कराती है.

अगर हम ठान लें मन में, सफलता पास आती है... 

ये पंक्तियाँ है गिरीश पंकज जी के के गीत की उनके ब्लॉग सद्भावना दर्पण  से.....

सुनिये उनके इसी ब्लॉग से ये गीत----(एडिट किया है पद्मसिंह जी ने )
 







5 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
साझा करने के लिए धन्यवाद।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह !!! बहुत सुंदर साझा करने के लिए आभार ,,,
RECENT POST : पाँच( दोहे )

Ramakant Singh said...

गिरीश पंकज जी के शब्दों में आपने प्राण फूंक दिए जीवंत हो उठे बधाई

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.

रामराम.

Avinash Chandra said...

बहुत बढ़िया - और मैं ये हमेशा कहता हूँ। :)