आजकल जिस एप्प की चर्चा चल रही है, उसके बारे में एक ही विचार आया कि कोई किसी को पीठ पीछे गाली क्यों देना चाहता है ?
अगर व्यक्ति कोई गलत बात कह रहा है, तो उसे जब तक सामने नहीं बताया जाएगा उसमें सुधार संभव नहीं है, पीठ पीछे कही बात जब तक उस तक पहुंचती है तब तक या तो वो व्यक्ति कईयों को नुकसान पहुंचा चुका होता है,या खुद नुकसान उठा चुका होता है ...
ये जरूरी नहीं कि आपको जो बात गलत लगी वो उसके लिए भी गलत हो लेकिन आगाह करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए अगर हमें महसूस हो,एक विचार के हर नकारात्मक पक्ष को सामने लाये जाने पर ही उसकी सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है ,ऐसा मैं सोचती हूँ।
अनजान बनकर दूसरों का भला करना सबके बस का नहीं 😊ये भी कटु सत्य है।
एक गीत याद आ रहा है ,मालूम नहीं किसका लिखा हुआ है -
भला किसी का कर न सको तो,बुरा किसी का मत करना
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम- काँटे बनकर मत रहना ....
5 comments:
भला करने की प्रवृति अब मानव से दूर होती जा रही है।
दिनांक 18/08/2017 को...
आप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
आप की प्रतीक्षा रहेगी...
एकदम सही
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