Tuesday, June 23, 2009

कविता

माँ के जैसा----हाथ फ़ेरती
माँ -सी सरल,सहज----कविता
बाबा जैसा----समझाती
कडक,गरम,प्रबल----कविता
बच्चों-सी हँसती,खिलखिलाती
छोटी-छोटी ,नरम ----कविता
दादी-नानी की याद दिलाती
जब गोदी में हमें लेती----कविता !!!!!

6 comments:

Asha Joglekar said...

वाह, दादी नानी सी गोद में लेने वाली कविता बहुत सुहायी ।

राजीव तनेजा said...

बहुत बढिया

विनोद कुमार पांडेय said...

सुन्दर कविता
शुभकामनाऐं.

ओम आर्य said...

ek naajuk si kawita ..........man ko sahala gayi yah kawita

MANVINDER BHIMBER said...

बहुत बढिया

Anonymous said...

very good poem