Saturday, July 24, 2010

जो तुम........................

आज सुनिये महादेवी वर्मा जी का एक विरह गीत......................................




10 comments:

Udan Tashtari said...

महादेवी वर्मा की रचना आपके स्वर में सुन कर अच्छा लगा.

राज भाटिय़ा said...

बहुत अच्छा लगा धन्यवाद

Parul kanani said...

hmm..

संजय भास्‍कर said...

सुन कर अच्छा लगा.

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़ा सुन्दर गीत

Vinay said...

It's good

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चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
The Vinay Prajapati

Unknown said...

:) ... bahut khoob

दिगम्बर नासवा said...

बहुत अच्छा लगा ... धन्यवाद ...

Ravi Rajbhar said...

bahut sunder!

फ़िरदौस ख़ान said...

भावपूर्ण गीत और मधुर स्वर...