Monday, July 26, 2010

दीप शिखा ......................झिलमिल...................................

आज सुनिए गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी का लिखा एक गीत मेरी आवाज में------------------इसे मैने इस ब्लॉग से गाया............

12 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन!! बधाई.

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर गीत और उतना ही सुन्दर सुर।

बाल भवन जबलपुर said...

शुक्रिया अर्चना जी
एक अनोखी स्थिति एवम पृष्ठभूमि पर लिखा गया था ये गीत .............
शुक्रिया
साधुवाद
आभार

Parul kanani said...

beautiful!

arvind said...

सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन.शुक्रिया

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुन्दर गीत

Anonymous said...

अर्चना जी
आपने सुन्दर तरीक़े से गाया है गीत
आपकी सुलभा बिल्लोरे

राजीव तनेजा said...

सुन्दर गीत को अपनी मधुर आवाज़ देने के लिए बहुत-बहुत बधाई

daanish said...

sundar geet...
mn-bhaavan bol...
aur
utni hi prabhaavshali prastutee !

Pawan Kumar said...

बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन !

दीपक 'मशाल' said...

सुन्दर गायन और गीत.. मन मोह लिया..

Dr. Zakir Ali Rajnish said...


बहुत शानदार गाया है आपने। बधाई।

…………..
पाँच मुँह वाले नाग देखा है?
साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।