चलो कुछ ऐसा याद करें कि- दिल खुश हो जाए
बीती हुई कोई बात करें कि- दिल खुश हो जाए
जब हम छोटे थे तो मस्ती और खुशी
हमारे ही साथ रहते थे
मुस्कान और हँसी के झरने
हमारे आसपास ही बहते थे
दु:खों का तो कोई नाम न था
हमको भी उनसे कोई काम न था
चलो कुछ ऐसा याद करें कि-खुशियाँ कम न हो
दो पल बैठ बीती बात करें-जिसमें कोई गम न हो....
बीती हुई कोई बात करें कि- दिल खुश हो जाए
जब हम छोटे थे तो मस्ती और खुशी
हमारे ही साथ रहते थे
मुस्कान और हँसी के झरने
हमारे आसपास ही बहते थे
दु:खों का तो कोई नाम न था
हमको भी उनसे कोई काम न था
चलो कुछ ऐसा याद करें कि-खुशियाँ कम न हो
दो पल बैठ बीती बात करें-जिसमें कोई गम न हो....
9 comments:
sabhi panktiyan dil ko CHHUTI HUI
ऐसे पल की करूँ प्रतीक्षा।
दिल ढूँढता है फिर वही फुरसत के चार पल।
बहुत सुंदर, धन्यवाद
khoobsoorat rachna...
mera bachpana abhi baaki hai :)..lekin fir bhi wo shuddh aur pyara... khushnuma bachpan yaad dila diya aapne. shukriyaaa. :)
बचपन के दिन भी क्या दिन थे
उड़ते फिरते तितली बन!!
चलो कुछ ऐसा याद करें कि- दिल खुश हो जाए
बीती हुई कोई बात करें कि- दिल खुश हो जाए
बहुत सुंदर, धन्यवाद..........
वाह एक सुंदर रचना.
दो पल बैठ बीती बात करें-जिसमें कोई गम न हो....
sach main is daur main insaan bas yahi chahta hai.
accha likha
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