Thursday, June 23, 2011

जीवन धारा...

 जिंदगी का सफ़र ...


जब दर्द नही था सीने में...


 ओ माझी रे...


नदिया चले चले रे धारा....


 दूर है किनारा ...


जीवन चलने का नाम...



9 comments:

संजय @ मो सम कौन... said...

आज तो चित्रहाल चला रखा है दूरदर्शन वाला:)

केवल राम said...

सब मजेदार है ..!

संजय कुमार चौरसिया said...

all my fav... song

thanx

संगीता पुरी said...

बहुत बढिया .. आपके इस पोस्‍ट की चर्चा आज की ब्‍लॉग4वार्ता में की गयी है !!

vandana gupta said...

ओये होये आज तो आनन्द आ गया।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

फिल्मी दुनिया के झरोखे से जीवन का दर्शन समझा दिया!!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

फिल्मी दुनिया के झरोखे से जीवन का दर्शन समझा दिया!!

प्रवीण पाण्डेय said...

सारे के सारे प्रिय गाने।

Udan Tashtari said...

आठ दस और चढ़ा दिजिये तो एक फिल्म के बराबर हो जाये ३ घंटे का...तब आराम से सुनेंगे. :)