वाह क्या अदा है! ! ! ...
कुछ कदम ही साथ चलने का मौका मिला ..पर हौसला और हिम्मत बहुत मिली --
(कुछ ऐसा ही महसूस किया था तब भी) ---
कुछ कदम ही साथ चलने का मौका मिला ..पर हौसला और हिम्मत बहुत मिली --
- धन्यवाद अर्चना जी, मुझे यह विचार इतना पसँद आया कि मन श्रद्धा से भर आया । इससे रोज दान देने की भावना बलवती ही होगी, और इसे एक मिशन के रूप में चलाया जा सकता है । हम दम्पत्ति ने कल 20 तारीख वृहस्पतिवार से ही इसे आरँभ करने का निर्णय लिया है । शुभम भ्रूयात January 19, 2011 12:49 AM
(कुछ ऐसा ही महसूस किया था तब भी) ---
10 comments:
वे बहुत अच्छे थे , बहादुरी की एक मिसाल कायम कर गए !
डॉ होने के नाते उन्हें अपनी स्थिति की गंभीरता का बखूबी अहसास होगा मगर उन्होंने किसी प्रकार की कमजोरी नहीं दिखाई और अंत तक सक्रिय रहे !
मोडरेशन का विरोध वे सौम्यता के साथ लगातार करते रहे ! मैंने भी यही सोंचा था कि मोडरेशन कि मजबूरी पर एक पोस्ट लिखूं और वह समर्पित इस कर्मयोगी को की जाए, अब उस पोस्ट को लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी !
उनके बारे में कुछ पहले भी लिखा था जो उनके चरणों में समर्पित कर रहा हूँ !
http://satish-saxena.blogspot.com/2010/08/blog-post_30.html
http://satish-saxena.blogspot.com/2010/12/blog-post_22.html
सारे दिन अपसेट रहा!! एक सदमा!!
डॉ. अमर कुमार को श्रद्धांजलि!
डाक्टर साहब की विशेष टिप्पणियों में हमेशा उनकी याद बसी रहेगी ... उनको भुलाना आसान नहीं ...
हमारी विनम्र श्रधांजलि है ...
आपने स्व.डॉ.अमर कुमार जी को उनके बारे में पोस्ट प्रकाशित करके सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
मैं भी स्व.डॉ.अमर कुमार जी को भाव-भीनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ।
दिवंगत को हार्दिक श्रद्धांजलि।
डाक्टर अमर कुमार जी से प्रोत्साहन मिलना छोटी बात नहीं है।
उनकी टिप्पणियाँ व लेखन उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का आभास देता रहेगा।
विनम्र श्रद्धांजलि।
log sach hi kahte hain,keval neki hi aadmi ke saath jeeven ke baad bhi rehti hai.
दरख़्त गिर गया कोई ,सितारा टूट गया कोई ...जी सचमुच! इस भावभीनी शोक गीतिका -श्रद्धांजलि में मेरा भी स्वर!
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