माँ से बढ़कर कोई नहीं....कोई प्रस्तावना नहीं कोई,भूमिका नहीं...
शशी मासी,नीरू मासी और माँ
हम भाई-बहन भी माँ को कहते ही नहीं कभी ...पर हम भी चाहते हैं माँ से कहना ---
----------- माँ SSSSS माँSSSSS मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में......
----------- मम्मा ...मम्मा......तू गुस्सा करती हैSSSS बड़ा अच्छा लगता है .....
आज हम सबकी भावनाओं को देवेन्द्र ने स्वर दिया है ----
आप भी सुनिये ---
हम और माँ---
3 comments:
बहुत सुन्दर स्वर ..
और फिर माँ पर गीत
बहुत सुन्दर ....।
सचिन दा के गाये गीत को गाना ही बहुत बड़ी बात है .आप खुद अच्छा गाती हैं बाबू साहब ने गीत को नया रूप दिया बधाई .......
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