न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
अनुपम भाव लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति .. आभार
खुबसूरत आवाज़ के साथ आगाज़ और सुन्दर स्वर लहरी ....
बहुत बहुत आभार आपका|
वाह ... क्या बात है ...
सच कहा है आपने, संजयजी की हर पोस्ट अपनी सी लगती है..
बढ़िया लगा इसे आपकी आवाज में सुनना
अति सुंदर....पोस्ट के बाद का गीत भी प्रभावी है.
हर आदमी अपने भीतर एक मुक़म्मल दुनिया समेटे रहता है. वह दुनिया उसकी अपनी होती भी है,नहीं भी.
very nice and calm voice ...heavenly
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9 comments:
अनुपम भाव लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति .. आभार
खुबसूरत आवाज़ के साथ आगाज़ और सुन्दर स्वर लहरी ....
बहुत बहुत आभार आपका|
वाह ... क्या बात है ...
सच कहा है आपने, संजयजी की हर पोस्ट अपनी सी लगती है..
बढ़िया लगा इसे आपकी आवाज में सुनना
अति सुंदर....
पोस्ट के बाद का गीत भी प्रभावी है.
हर आदमी अपने भीतर एक मुक़म्मल दुनिया समेटे रहता है. वह दुनिया उसकी अपनी होती भी है,नहीं भी.
very nice and calm voice ...heavenly
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