आज आपके लिए मैं, नहीं हम, जी हाँ ये आभासी
रिश्तों का एक सम्मिलित प्रयास है, और हम लेकर आए हैं, आपके लिए
..ओ’ हेनरी की कहानी AService Of Love ( अ सर्विस ऑफ़ लव) का नाट्य रूपान्तरण " इबादत".... इस कहानी को नाट्य में रूपांतरित किया है हमारे छोटू उस्ताद यानि अनुभव प्रिय ने जिससे आपका परिचय करवाते हुए कहा था मैंने .. कि ये तो अभी शुरुआत है देखिये आगे-आगे करते हैं क्या?......अपनी पढा़ई के बीच से समय चुराना कोई अनुभव से सीखे ...अनुभव बच्चों के लिये एक आदर्श है...
अभिनव के किरदार को आवाज दी है - अनुभव प्रिय ने
और इस नाटक का संपादन किया है मेरे सलिल भैया यानि (सलिल वर्मा ) ने जो लिखते हैं संवेदना के स्वर और चलाबिहारी नामक ब्लॉग पर और बाँटते हैं जीवन के अनुभव, अपने संस्मरण अपनी भाषा में हम सबसे ...बिलकुल हल्के-फ़ुल्के तरीके से ...
मकान मालिक के रूप में - सलिल वर्मा
अब आता है नाटक को अन्तिम रूप से संगीत से सँजोने का कार्य..और ये कार्य कई कठिनाईयों और मुश्किलों का बड़ी बहादुरी से सामना करते हुए कर दिखाया है हमारे ठाकुर साहब यानि ठाकुर पद्मसिंह जी ने जो खुद फ़िलहाल नौसीखिया है ...और लिखते है पद्मावली , ढिबरी ,पद्मसिंह का चिट्ठा और सिंहनाद नामक ब्लॉग ...........................................
पार्श्व संगीत संयोजक - ठाकुर पद्मसिंह जी
मैनें कुछ नहीं किया बस सिर्फ़ इन सबको एक जगह इकट्ठा करने की कोशिश की है .....
नलिनी की आवाज है मेरी यानि - अर्चना चावजी की....
आप बताईयेगा हमारा सम्मिलित प्रयास आपको कैसा लगा?....
..ओ’ हेनरी की कहानी AService Of Love ( अ सर्विस ऑफ़ लव) का नाट्य रूपान्तरण " इबादत".... इस कहानी को नाट्य में रूपांतरित किया है हमारे छोटू उस्ताद यानि अनुभव प्रिय ने जिससे आपका परिचय करवाते हुए कहा था मैंने .. कि ये तो अभी शुरुआत है देखिये आगे-आगे करते हैं क्या?......अपनी पढा़ई के बीच से समय चुराना कोई अनुभव से सीखे ...अनुभव बच्चों के लिये एक आदर्श है...
अभिनव के किरदार को आवाज दी है - अनुभव प्रिय ने
और इस नाटक का संपादन किया है मेरे सलिल भैया यानि (सलिल वर्मा ) ने जो लिखते हैं संवेदना के स्वर और चलाबिहारी नामक ब्लॉग पर और बाँटते हैं जीवन के अनुभव, अपने संस्मरण अपनी भाषा में हम सबसे ...बिलकुल हल्के-फ़ुल्के तरीके से ...
मकान मालिक के रूप में - सलिल वर्मा
अब आता है नाटक को अन्तिम रूप से संगीत से सँजोने का कार्य..और ये कार्य कई कठिनाईयों और मुश्किलों का बड़ी बहादुरी से सामना करते हुए कर दिखाया है हमारे ठाकुर साहब यानि ठाकुर पद्मसिंह जी ने जो खुद फ़िलहाल नौसीखिया है ...और लिखते है पद्मावली , ढिबरी ,पद्मसिंह का चिट्ठा और सिंहनाद नामक ब्लॉग ...........................................
पार्श्व संगीत संयोजक - ठाकुर पद्मसिंह जी
मैनें कुछ नहीं किया बस सिर्फ़ इन सबको एक जगह इकट्ठा करने की कोशिश की है .....
नलिनी की आवाज है मेरी यानि - अर्चना चावजी की....
इस नाटक को रिकार्ड करते हुए हमने हमारे परिवार के सदस्यों को बहुत परेशान
रखा है जिसके लिये हम उन सभी से माफ़ी चाहते हैं ....लेकिन भविष्य में
सहयोग की अपेक्षा भी रखते हैं .." समझे कि नहीं " तो सुनिये हमारा हवामहल के अन्तर्गत ओ’हेनरी की कहानी "अ सर्विस ऑफ़ लव" का नाट्य रूपान्तरण - इबादत ....