Monday, September 22, 2014

जीवन-मृत्यु

जीवन -मृत्यु  

किसी अपने के 
सदा के लिए चले जाने पर
वक्त ठहर जाता है
पर .... 
ठहरना वक्त का 
कभी अच्छा नहीं होता 
खो जाता है इसमें 
एक नन्हा सा बचपन 
बचा लो उसे 
अनचाहे दर्द से
कि साँसों का चलना ही तो
जिन्दगी नहीं  ......

3 comments:

अरुण चन्द्र रॉय said...

अच्छी कविता

Dr. Rajeev K. Upadhyay said...

सुन्दर प्रस्तुति स्वयं शून्य

Kailash Sharma said...

दिल को छूते लाज़वाब अहसास...बहुत सुन्दर